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इंदौर के परिवहन का क्रम-विकास


बदलाव मानव जीवन की एक ऐसी प्रक्रिया है जो हर मानव के लिए अपनाना जरुरी है। यह माना जाता है कि जीवन एक चक्र है और हर समय यह चक्र बदलाव के साथ चलता रहता है । एक समय था जब मानव जाति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन समय के साथ साथ बदलाव का चक्र चलता रहा और आज  मानव जाति के पास एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए परिवहन के कई साधन उपल्बध है। मानव जाति ने बदलाव के महत्व को बहुत बेहतन तरीके से समझा है यही कारण है उसके खान पान, पहनावे, रहन सहन से लेकर आवागमन तक  में अभूतपूर्व बदलाव आ चुका है। आदिकाल से लेकर वर्तमान काल पर नजर डाले तो यह बदलाव साफ नजर आता है। अब बात करते है भारत में आजादी के बाद मानव जाति के आवागमन और परिवहन के साधनों में आए बदलाव के बारे में तो इसमें भी लगातार बदलाव नजर आए है। भारत में नगरीय परिवहन के क्षेत्र में जो बदलाव आए है उससे मानव जाति के लिए यात्रा और आवागमन को सुलभ और आरामदायक बना दिया है।

भारत के हृदय मध्य प्रदेश भी नगरीय परिवहन में आ रहे लगातार बदलाव में दूसरे प्रदेशों के मुकाबले कहीं किसी से पीछे नहीं है। भारत के 100 स्मार्ट शहरों में शामिल मध्य प्रदेश की औधोगिक नगरी इंदौर भी नगरीय परिवहन के क्षेत्र में आ रहे है इस बदलाव को करीब से देख रहा है। आजादी से पहले की बात करे तो देवी अहिल्याबाई की इस नगरी में आमजन के लिए आवागमन के सीमित साधन हुआ करते थे। उस दौर में आमजन को  एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए या तो पैदल यात्रा करना पड़ती थी या फिर बैलगाड़ी,घोड़ा गाड़ी,खच्चर गाड़ी,पर निर्भर रहना पड़ता था। जैसे-जैसे समय बदलता गया नगरीय परिवहन के क्षेत्र में बदलाव आते गए। इंदौर शहर के नगरीय परिवहन की बात करें तो बैलगाडी,घोडा गाड़ी,तांगों ,साईकल- रिक्शा,आटो टेम्पो,सरकारी बसों,निजी मिनी बसो,मेटाडोर,मैजिक वाहन टेक्सी और बीआरटीएस बस के दौर से होते हुए अब  मेट्रो रेल सेवा की तरफ तेजी से बढ़ चुका है। इंदौर में जल्द ही मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत होने जा रही है। यह सेवा शुरु होने से इंदौर और आस-पास के लोगों को किफायती,आरामदायक और सुरक्षित नगरीय परिवहन की सुविधा मिलेगी।

मध्य प्रदेश मेट्रो, इंदौर की मेट्रो रेल सेवा जल्द से जल्द शुरु करने लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में यदि मेट्रो रेल सेवा कार्य की प्रगति पर नजर डाले तो प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत मेट्रो वायडक्ट 17.2 कि.मी. लंबाई का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं और अब तक पाइलिंग (नींव )का कार्य 76 प्रतिशत पूर्ण हो चुका हैं । मेट्रो रेल के लिए बनने वाले स्टेशन के सिविल कार्य भी प्रगति पर है। जिसमें से 86 प्रतिशत पाइल फाउंडेशन ,51 प्रतिशत ओपन फाउंडेशन तथा पियर-पिलर्स का कार्य 47 प्रतिशत पूर्ण हो चुका हैं । गांधी नगर डिपो में अब तक 32 प्रतिशत पाइल का कार्य भी पूर्ण हो चुका हैं।



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