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मेट्रो स्टेशन की उत्कृष्ट डिजाइन से यात्रियों को मिलेगा बेहतर यात्रा का अनुभव











भोपाल शहर में मेट्रो लाने का उद्देश्य  केवल भोपाल के शहरी परिदृश्य को नए रूप से परिभाषित करना है, बल्कि इसके शहर वासियों को परिवहन का एक सुरक्षित, सुविधाजनक और निर्बाध साधन भी देना है। इस परिवर्तन का मुख्य केंद्र मेट्रो स्टेशन हैं, जिन्हें यात्रियों की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान रखकर डिज़ाइन किया गया है। वर्तमान में भोपाल के 8 मेट्रो स्टेशन निर्माणाधीन हैं। सभी स्टेशन सृजनात्मक डिज़ाइन वाले एलिवेटेड स्टेशन हैं, जो शहरी परिवहन को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए गए हैं।

भोपाल मेट्रो स्टेशनों की मुख्य विशेषताएं:

दो स्तर के स्टेशन: यात्रियों की सुविधा के लिए सभी मेट्रो स्टेशन दो स्तरों पर बनाए जाते हैं, पहला स्तर कॉनकोर्स और दूसरा स्तर प्लेटफॉर्म स्तर होता है। पहले स्तर के तहत जिसे हम कॉनकोर्स स्तर कहते हैं, यहां यात्री स्टेशन में प्रवेश करता है और यात्रा की जानकारी इकट्ठा करता है, टिकट खरीदता है, सुरक्षा जांच से गुजरता है, यात्रा की दिशा तय करता है और प्लेटफॉर्म पर जाता है। इस स्तर पर यात्री सुविधाएं जैसे पुरुष/महिला/दिव्यांग और टांस लिंग शौचालय, स्टेशन कर्मचारियों के लिए कमरे और तकनीकी कमरे और किराया संग्रह गेट प्रदान किए गए हैं। दूसरे स्तर (प्लेटफॉर्म लेवल) पर यात्रियों के लिए ट्रेनों में चढ़ने और उतरने की व्यवस्था की गई है।

मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश/निकास: यात्रियों की सुविधा के लिए हर मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश और निकास द्वार रखे गए हैं, जो सड़क के दोनों ओर हैं। इससे यात्रियों को सड़क के किसी भी तरफ से स्टेशन में प्रवेश करने और बाहर निकलने की सुविधा मिलेगी।

फुट ओवर ब्रिज: सड़कों पर स्थित स्टेशनों को जोड़ने के लिए फुट ओवर ब्रिज बनाया गया है, जिससे सड़क के दोनों ओर प्रवेश/निकास भवनों तक यात्री आसानी से पहुंच सके। 

लिफ्ट और एस्केलेटर: यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों के प्रत्येक प्रवेश और निकास पर सीढ़ियों के साथ लिफ्ट और एस्केलेटर उपलब्ध होंगे, जिससे उनकी यात्रा आसान हो जाएगी। चाहे यात्री व्हीलचेयर पर हों या विशेष जरूरत वाले हों, वे आसानी से स्टेशन पहुंच सकेंगे।

द्विभाषी साइनेज: यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए स्टेशनों पर द्विभाषी साइनेज लगाए गए हैं, जिससे यात्रियों को स्टेशन के मार्गों के बारे में आसानी से पता चल सकेगा।

सुविधाजनक टिकटिंग समाधान: भोपाल मेट्रो की एएफसी प्रणाली यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई प्रकार के टिकटिंग विकल्प प्रदान करती है। जिसके अंतर्गत कॉइन रिसाइक्लर्स और बैंकनोट रिसाइक्लर्स से सुसज्जित टिकट वेंडिंग मशीनें (टीवीएम) यात्रियों को नकदी रुपयों का उपयोग करके टोकन खरीदने की अनुमति देती हैं। इसके अतिरिक्त टीवीएम यात्रियों के लिए अपने एनसीएमसी कार्ड को टॉप-अप करना सुविधाजनक बनाता है, जिससे बार-बार टिकट खरीदने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए सुविधाएं: मेट्रो स्टेशनों पर दृष्टिबाधित यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जाएगा। उन्हें स्टेशन पर नेविगेट करने में मदद करने के लिए ब्रेल मानचित्र के साथ ऑडियो सिस्टम वाले ब्रेल साइनेज स्टेशन पर उपलब्ध होगा। स्टेशन भवन और ट्रेन सहित संपूर्ण प्रणाली को किसी भी प्रकार के दिव्यांग यात्रियों की देखभाल के लिए बाधा मुक्त वातावरण के रूप में डिजाइन किया गया है। दृष्टिबाधित यात्रियों का मार्गदर्शन करने के लिए ब्रेल भाषा में स्टेशन पर मानचित्र के साथ ब्रेल भाषा में संकेत उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही दिव्यांग यात्रियों के लिए ग्राउंड लेवल पर स्टेशन प्रवेश द्वार के पास आरक्षित पार्किंग प्रदान की गई है। वहीं सभी स्टेशनों पर व्हीलचेयर की सुविधा भी की गई है।

निष्कर्ष: सभी स्टेशनों पर ग्राउंड से कॉनकोर्स (मध्य स्तर) और प्लेटफार्म स्तर तक सीढ़ियाँ, एस्केलेटर और लिफ्ट उपलब्ध कराए गए हैं। यात्रियों की यात्रा को यादगार अनुभव बनाने के लिए स्टेशनों पर अत्याधुनिक टिकटिंग, सार्वजनिक संबोधन, अग्निशमन प्रणाली और वातानुकूलित ट्रेनें उपलब्ध कराई जाएगी।

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