Skip to main content

इंदौर मेट्रो में स्वचालित किराया संग्रह के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण

 

इंदौर मेट्रो शहरवासियों के लिए एक सुगम और सुविधाजनक परिवहन की व्यवस्था लेकर आने वाली है। इंदौर मेट्रो का स्टेशनों के निर्माण से लेकर ट्रायल रन तक सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। वहीं अब ट्रायल रन सम्पन्न होने साथ ही इंदौर मेट्रो शहर में सार्वजनिक परिवहन में क्रांति लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इंदौर मेट्रो से यात्रियों को कई प्रकार की उन्नत सुविधाएं मिलने वाली हैं। इन्ही सुविधाओं के अंतर्गत स्वचालित किराया संग्रह (एएफसी) प्रणाली एक प्रमुख और महत्वपूर्ण घटक है। एएफसी एक ऐसा प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान है जो टिकटिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। जिससे यात्रियों को टिकट खरीदने में आसानी होती है। इस स्वचालित किराया संग्रह (एएफसी) अत्याधुनिक प्रणाली से भविष्य में कई संभावनाएं दिखाई देती हैं।

 

संपर्क रहित एनसीएमसी (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड): एक गेम-चेंजर

पहले से चलते आए पारंपरिक मेट्रो टोकन और लूप कार्ड के बंद होने का समय आ गया है। एनसीएमसी सभी भुगतानों के लिए अब 'एक राष्ट्र, एक कार्ड' की दृष्टि से भारत सरकार की एक पहल है। इंदौर मेट्रो ने भी एनसीएमसी की प्रणाली को अपनाया है। भारत में पहले ही कुछ अन्य प्रमुख मेट्रो प्रणालियों द्वारा इस तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह कार्ड सामान्य प्रीपेड-सह-डेबिट कार्ड जैसा ही है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत किसी भी बैंक द्वारा जारी किए गए ईएमवी और रुपे मानकों के अनुकूल हैं। यह कार्ड न्यूनतम केवाईसी आवश्यकताओं के साथ ट्रांजिट ऑपरेटर आउटलेट्स या कार्ड जारीकर्ता बैंक आउटलेट्स द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

 

एनसीएमसी: इंटरऑपरेबल और मल्टी-मोडल फेयर मीडिया

एनसीएमसी में मुख्य रूप से दो तार्किक क्षेत्र शामिल होते हैं - पहला 'ग्लोबल वॉलेट' (जिसे सामान्य सेवा क्षेत्र - सीएसए के रूप में जाना जाता है) जिसका उपयोग खुदरा भुगतान और मानक पारगमन किराया भुगतान के लिए किया जा सकता है। दूसरा 'ऑपरेटर विशिष्ट क्षेत्र' (ओएसए), जो ट्रांजिट ऑपरेटर विशिष्ट किराया उत्पाद जैसे आवधिक पास, ट्रिप पास, पर्यटक पास, रियायती किराया होता है। कई ट्रांजिट ऑपरेटरों को एकाधिक ओएसए कार्ड के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिससे टिकट काउंटरों पर लाइनें कम हो जाती हैं और एएफसी गेटों पर तुरंत कागज रहित, संपर्क रहित और किसी भी प्रकार की परेशानी के बिना किराया कटौती की सुविधा मिलती है। वहीं 'एनसीएमसी स्मार्ट कार्ड' को खरीदना और कार्ड को ऑनलाइन या स्टेशनों पर टिकट काउंटरों के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए और अधिक सुविधाजनक हो जाता है, जो एक माध्यम से दूसरे या एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करते हैं। उन्हें एक ही कार्ड से भुगतान करने की सुविधा होती है। एनसीएमसी भारत में सभी ट्रांजिट ऑपरेटरों को भुगतान करने के लिए एक एकल मंच स्थापित करता है, जिससे किराया भुगतान के लिए इंटरऑपरेबिलिटी और मल्टी-मॉडल सुविधा प्रदान होती है।

 

सीमलेस वेलिडेशन और जर्नी ट्रैकिंग

इंदौर मेट्रो में एएफसी प्रणाली द्वारा एनसीएमसी कार्ड पर ही महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज कराएगी, जिसमें यात्री द्वारा कार्ड को जिस स्टेशन से जारी किया जाएगा और कार्ड के अंदर उपयोगकर्ता की शेष उपलब्ध राशि की भी जानकारी शामिल होगी। बात दें कि, जब भी कोई कार्ड एएफसी गेट पर प्रस्तुत किया जाता है, तो पहले उसे कार्ड जारीकर्ता (बैंक) से प्रमाणित कराया जाता है, फिर उसकी वैधता की जांच की जाती है। वहीं अगर कार्ड प्रवेश या निकास के लिए वैध होता है, तो गेट खुल जाता है, जिससे यात्री के लिए बिना परेशानी के यात्रा सुनिश्चित होती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की समस्या होने यात्री ग्राहक सेवा से संपर्क कर सकता है।

 

क्यूआर कोडित टिकटिंग

इंदौर मेट्रो अपने यात्रियों के लिए क्यूआर कोड पेपर टिकट भी लॉन्च करेगी। वहीं एकल यात्रा और वापसी यात्रा के लिए क्यूआर कोडित टिकट उपलब्ध होंगे। यह नई प्रणाली टोकन और बंद लूप कार्ड का एक विकल्प है, जो एएफसी गेट क्यूआर कोड को स्कैन करने और किराया एकत्र करने में सक्षम होंगे। क्यूआर कोड के अपने अलग लाभ है, जिसके माध्यम से केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके, टिकट पर दिखाई गई जानकारी को अनलॉक किया जा सकता है। एक बार जब क्यूआर में एन्कोड की गई यात्रा पूरी हो जाती है, तो टिकट का क्यूआर कोड इसके पुन: उपयोग से बचने के लिए सिस्टम में निष्क्रिय हो जाता है। बात दें,क्यूआर कोड वाले टिकट इंदौर मेट्रो के मोबाइल ऐप और वेबसाइट से भी खरीदे जा सकेंगे। इतना ही नहीं क्यूआर कोड की मदत से मेट्रो परिचालन कर्मचारियों को टिकट धारकों की पहचान सत्यापित करने के लिए कोई अतिरिक्त स्क्रीनिंग करने की आवश्यकता नहीं होगी। वो टिकट धारक की जानकारी तक पहुंचने के लिए बस अपने स्कैनर से क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं, जिससे उनकी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने में मदद मिलती है और स्टेशन पर प्रवेश करने के लिए प्रतीक्षा का समय कम हो जाता है।

 

एफिशिएंट रेवेन्यू कलेक्शन सिस्टम

इंदौर मेट्रो में एएफसी प्रणाली रेवेन्यू कलेक्शन को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करती है। जब एक क्यूआर टिकट खरीदा जाता है, तो किराया राशि और प्रवेश-निकास बिंदु क्यूआर के अंदर एन्कोड किए जाते हैं और लेनदेन केंद्रीकृत सर्वर में अपलोड किया जाता है। जैसे ही यात्री क्यूआर टिकट का उपयोग करते हैं, एएफसी गेट पर जाँचकर्ता क्यूआर कोड के अंदर एन्कोड किए गए प्रवेश, निकास, किरायाऔर समय की वैधता को मान्य करता है। इसी तरह, जब एनसीएमसी कार्ड का एएफसी गेट पर उपयोग किया जाता है, तो जाँचकर्ता प्रवेश और निकास बिंदुओं के आधार पर यात्रा लागत की गणना करता है और गेट तभी खुलते हैं जब शेष राशि पर्याप्त हो या उपयोगकर्ता को शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाए। एनसीएमसी लेनदेन एएफसी के केंद्रीकृत सर्वर पर अपलोड किए जाते हैं और एनसीएमसी लेनदेन के समाधान के लिए बैंक एक्वायरर सिस्टम को भी भेजे जाते हैं।

 

भविष्य की संभावनाएँ और संवर्द्धन

इंदौर मेट्रो में स्टेशन पर लागू की गई एएफसी प्रणाली भविष्य की प्रगति की नींव तैयार कर रही है। वेब एप्लिकेशन के साथ यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं को अपने संपर्क रहित स्मार्ट कार्ड को ऑनलाइन टॉप-अप करने की अनुमति देता है, जिससे टिकट खरीदना और भी सुविधाजनक हो जाता है। यह प्रणाली खाता आधारित टिकटिंग और एनएफसी टिकटिंग के साथ सक्षम होगी। साथ ही यह प्रणाली बैंकनोट, सिक्के, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और स्मार्ट कार्ड सहित विभिन्न भुगतान माध्यमों को भी स्वीकार करती है।

 

सुरक्षा और दक्षता

इंदौर मेट्रो में एएफसी प्रणाली सुरक्षा के लिहाजे से काफी फायदेमंद है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि केवल वैध टिकट और कार्ड वाले यात्री ही भुगतान क्षेत्र तक पहुंच सके। स्वचालित प्रवेश/निकास द्वार, भुगतान और अवैतनिक क्षेत्रों को अलग करता है, जिससे किराया चोरी की संभावना कम हो जाती है। 100% टिकट जांच के साथ, सिस्टम एक कुशल और निष्पक्ष टिकटिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करता है।

 

सुविधाजनक टिकटिंग समाधान

इंदौर मेट्रो की एएफसी प्रणाली विभिन्न यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए टिकटिंग विकल्पों की एक श्रृंखला प्रदान करती है। क्यूआर स्कैनर और एनसीएमसी कार्ड रीडर से सुसज्जित टिकट वेंडिंग मशीनें (टीवीएम) यात्रियों को यूपीआई और क्रेडिट/डेबिट कार्ड का उपयोग करके क्यूआर टिकट खरीदने की अनुमति देती हैं। इसके अतिरिक्त, टीवीएम यात्रियों के लिए अपने एनसीएमसी कार्ड को टॉप-अप करना सुविधाजनक बनाता है, जिससे बार-बार टिकट खरीदने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

 

उन्नत उपयोगकर्ता अनुभव

एएफसी प्रणाली जल्दी टिकट वेरीफिकेशन प्रक्रिया करने के साथ मेट्रो उपयोगकर्ताओं के लिए प्रवेश और निकास को भी तेज करती है। एनसीएमसी और क्यूआर प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर कतार में खड़े होकर टिकट खरीदने के समय को बचाता  है। यह न केवल उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाता है बल्कि पीक आवर्स के दौरान एएफसी गेटों पर भीड़ को कम करने में भी मदद करता है।

 

दूसरी मेट्रो प्रणालियों के साथ सीमलेस इंटीग्रेशन

इंदौर मेट्रो में एनसीएमसी का उपयोग करने का निर्णय भारत में अन्य प्रमुख मेट्रो नेटवर्क जैसे दिल्ली मेट्रो और मुंबई मेट्रो द्वारा उपयोग की जाने वाली टिकटिंग प्रणालियों के अनुरूप ही है। यह सीमलेस मेट्रो प्रणालियों के बीच निर्बाध इंटरकनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करता है, जिससे यात्रियों को विभिन्न महानगरों की मेट्रो में एक ही कार्ड का उपयोग करने की अनुमति मिलती है, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा अधिक सुविधाजनक हो जाती है।

 

डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि

एएफसी प्रणाली यात्रियों की गतिविधियों, यात्रा पैटर्न और टिकट के उपयोग होने वाले डेटा को एकत्रित करती है। इस डेटा का विश्लेषण से यात्रियों द्वारा उपयोग की कीए जाने वाले पेटर्न से सेवा योजना को अनुकूलित करने और बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए किया जा सकता है। इन डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि का उपयोग करके  इंदौर मेट्रो लगातार अपने परिचालन में सुधार कर सकती है और अपने यात्रियों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में उसे मदत कर सकती है।

 

निष्कर्ष

इंदौर मेट्रो के लिए एएफसी प्रणाली शहर में सार्वजनिक परिवहन में एक जबरदस्त क्रांति लाने की संभावना रखती है। एनसीएमसी और क्यूआर कोड जैसी उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर इंदौर मेट्रो यात्रियों को एक सहज और कुशल टिकटिंग अनुभव प्रदान कराएगी। जैसे ही मेट्रो चालू हो जाएगी एएफसी प्रणाली सुचारू प्रवेश और निकास, एक्यूरेट रेवेन्यू कलेक्शन और सुव्यवस्थित जर्नी ट्रैकिंग सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इंदौर में भविष्य के मेट्रो अनुभव की परिकल्पना आकार ले रही है और एएफसी प्रणाली उस परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इंदौर मेट्रो में एएफसी प्रणाली न केवल एफिशिएंट टिकटिंग और रेवेन्यू कलेक्शन सुनिश्चित करती है बल्कि भविष्य के लिए तकनीकी प्रगति की नींव भी रखती है। उन्नत प्रौद्योगिकी और डेटा अंतर्दृष्टि का लाभ उठाकर इंदौर मेट्रो में यात्रियों के लिए एक सरल और सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करने की क्षमता है।

Comments

Popular posts from this blog

स्वच्छ हवा की दिशा में कदम: भोपाल और इंदौर मेट्रो निर्माण स्थलों पर धूल और वायु गुणवत्ता नियंत्रण के उपाय

  भोपाल और इंदौर मेट्रो निर्माण परियोजनाएँ शहरी परिदृश्यों को बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, इन परियोजनाओं से वायु गुणवत्ता को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। एमपी मेट्रो में, हम पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने और जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे सटीक योजनाओं और नवाचारों के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे निर्माण कार्य उच्चतम पर्यावरण मानकों के अनुरूप हों। धूल के स्रोत को समझना निर्माण स्थलों पर धूल के उत्पन्न होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं: खुदाई और मिट्टी हटाने की गतिविधियाँ। सामग्री का संभालना, उसका भंडारण और परिवहन। बैचिंग प्लांट्स में कंक्रीट निर्माण। बिना पक्की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही। खुली कार्यस्थलों पर हवा के कारण कटाव। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमारा निर्माण पर्यावरण प्रबंधन योजना (CEMP) वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और परिवेशीय वायु गुणवत्ता बनाए रखने की प्रक्रियाएँ प्रदान करता है। धूल नियंत्रण के उपाय: बहुआयामी दृष्टिकोण प्रभावी धूल नियंत्रण के लिए निवारक और सक्रिय दोनों उपायों का उपयोग आवश्यक ...

A Futuristic Approach to Automatic Fare Collection in Indore Metro

  The Indore  Metro, is set to revolutionize public transportation in the city. Among the many advanced features it will bring, the Automatic Fare Collection (AFC) system stands out as a key component. AFC is a technology-driven solution that streamlines the ticketing process, ensuring a smooth and efficient experience for commuters. Let's delve into the details of this cutting-edge system and explore the possibilities it holds for the future.   Contactless NCMC (National Common Mobility Card): A Game-Changer Gone are the days of traditional metro tokens and the closed-loop Cards. NCMC is a Government of India initiative with the vision of ‘one nation, one card’ for all payments (transit as well as retail). The Indore  Metro has adopted NCMC concept, similar to those used by few other major metro systems in India. These cards are normal Prepaid-cum-debit cards compatible to EMV and Rupay standards issued by any Bank that is authorized by the Reserve Bank of India. Th...

Madhya Pradesh Metro, My Pride

  Madhya Pradesh Metro Rail Project, is not just an ambitious transportation initiative but also a hallmark of safety and quality. Safety lies at the core of MPMRCL’s philosophy, with an unwavering commitment to protecting the workforce involved in the construction of this monumental project. Commitment to Safety Metro construction sites are inherently challenging and hazardous environments. Workers are engaged in diverse tasks such as: ●  Working at heights, ●  Scaffolding and temporary structures, ●  Electrical installations, ●  Deep excavations, ●  Piling and foundation work, ●  Welding and gas-cutting operations, ●  Managing heavy machinery, ●  Operations over railway tracks, and ●  Public area construction. These activities pose significant risks, including falls, electrocutions, machinery accidents, and exposure to harmful substances. Hence, the emphasis on safety in the Madhya Pradesh Metro project cannot be overstated. Safety Mea...